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लेखनी कविता -26-Sep-2023 मुक्तक

जय माँ शारदे


मुक्तक 

सादर समीक्षार्थ 🙏


212    212    212    212



प्यार हो अगर सच्चा छिपाना नहीं।

बात दिल की कभी भी दबाना नहीं।।

क्यों किसी के लिए प्यार रुसवा करें,

बस हमें ये सभी को बताना नहीं।।


🖋️ स्वाती चौरसिया...........

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5 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Sep-2023 07:48 PM

Nice 👍🏼

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Reena yadav

27-Sep-2023 07:06 AM

👍👍

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जी बेहद ही उम्दा पेशकश।

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